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Dhanteras 2022 | कौन हैं आयुर्वेद के जनक, ‘धनतेरस’ के दिन क्यों की जाती है उनकी पूजा, ज़रूर जानें

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कौन हैं आयुर्वेद के जनक, ‘धनतेरस’ के दिन क्यों की जाती है उनकी पूजा, ज़रूर जानें

सीमा कुमारी

नई दिल्ली: इस साल ‘धनतेरस’ (Dhanteras) 22 और 23 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही भगवान श्री धन्वंतरि जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस तिथि को धनतेरस के रूप में पूरे देशभर में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि धनतेरस से शुरू होने वाले इस पर्व के पहले दिन माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान धनवंतरि की पूजा का भी विधान है। वहीं धनतेरस के दिन की गई खरीददारी और पूजा आराधना कई गुना ज्यादा फलदायी मानी गई है। आइए जानें भगवान धनवंतरि के बारे में , कैसे करें धनतेरस पर इनकी पूजा और खरीदारी का शुभ मुहूर्त।

भगवान धनवंतरि को आरोग्यता का देवता कहा जाता हैं। उन्हें भारत में आयुर्वेद का जनक माना जाता है। पृथ्वी पर आरोग्यता और चिकित्सा के ज्ञान को फैलाने के लिए भगवान विष्णु ने धनवंतरि का अवतार लिया था। भगवान विष्णु के 24 अवतारों में 12वां अवतार धनवंतरि का था। पुराणों में भगवान धनवंतरि के प्राकट्य की कई कथाएं मिलती हैं। मान्यता है कि देवों और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन का प्रयास शुरू किया, जिसमें से 14 रत्नों की प्राप्ति हुई। इसके लिए मंदार पर्वत को मथानी और वासुकी नाग को मथानी की रस्सी के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। इसी समुद्र मंथन से कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरि प्रकट हुए। कहा जाता है कि उनके हाथ में अमृत का कलश था।

भगवान धन्वंतरि ने ही संसार के कल्याण के लिए अमृतमय औषधियों की खोज की थी ।दुनियाभर की औषधियों पर भगवान धन्वंतरि ने अध्ययन किया, जिसके अच्छे-बुरे प्रभाव आयुर्वेद के मूल ग्रंथ धन्वंतरि संहिता में बताए गए हैं। यह ग्रंथ भगवान धन्वंतरि ने ही लिखा  हैं। महर्षि विश्वामित्र के पुत्र सुश्रुत ने इन्हीं से आयुर्वेदिक चिकित्सा की शिक्षा प्राप्त की और आयुर्वेद के ‘सुश्रुत संहिता’ की रचना की।

धनतेरस 2022 मुहूर्त

धन्वंतरि देवी की पूजा मुहूर्त

 रात 7.10 – रात 8.24 (22 अक्टूबर 2022)

पूजा अवधि – 1 घंटा 14 मिनट

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ऐसे करें भगवान धन्वंतरि की पूजा

  • धनतेरस पर प्रदोष काल में पूजा का विधान हैं।  इस दिन न सिर्फ धन बल्कि परिवार और अपने आरोग्य रूपी धन की कामना के लिए भगवान धन्वंतरि का पूजन करना चाहिए अच्छा स्वास्थ ही मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी हैं। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा से सेहत लाभ मिलता हैं।
  •  उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा की चौकी लगाकर उसपे श्रीहरि विष्णु की मूर्ति या फिर धन्वंतरि देव की तस्वीर स्थापित करें।  
  • मूर्ति का पूजन कर रहे हैं तो भगवान धन्वंतरि का स्मरण कर अभिषेक करें।  षोडशोपचार विधि से पूजन  करें।  
  •  उत्तम सेहत और रोगों के नाश की प्रार्थना कर ‘ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः का 108 बार जाप करें।  



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