home remedies for prickly heat rash: natural home remedies for prickly heat that provide quick relief ghamori ke upay in hindi
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Home Remedies to Get Rid of Prickly Heat: मानसून में बारिश की फुहारें तन-मन को सुकून तो देती हैं लेकिन इस मौसम में उमस और चिपचिपी गर्मी की वजह से कई लोग घमौरियों से परेशान होने लगते हैं। घमौरियां (Prickly Heat) एक तरह की स्किन रैश होती है जो खासतौर पर ह्यूमिड वेदर वाली जगहों पर रहने वाले लोगों को अधिक परेशान करती हैं। घमौरियों में शरीर पर छोटे-छोटे लाल उभार हो जाते हैं। यह आमतौर पर शरीर के उन हिस्सों में होती है, जो कपड़ों से ढ़के रहते हैं, जैसे की पीठ, पेट, गर्दन, छाती का ऊपरी भाग, पेट व जांध के बीच का भाग या बगल। अगर आप भी घमौरियों से परेशान रहते हैं तो ये घरेलू उपाय आजमाकर इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
घमौरियां ठीक करने के घरेलू उपाय-
खीरा-
गर्मी की वजह से होने वाली खुजली को खीरा लगाकर आसानी से ठीक किया जा सकता है। यह त्वचा को तुरंत निखारता है और ठंडक पहुंचाता है। इसके लिए आधा खीरा लेकर उसे छीलें और पतले स्लाइस काट लें। इन्हें कुछ मिनटों के लिए फ्रिज में ठंडा करें और फिर उन्हें घमौरियों पर लगाएं।
मुल्तानी मिट्टी-
मुल्तानी मिट्टी का प्रयोग लंबे समय से घमौरियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह बंद पोर्स को खोलती है और स्किेन को रिफ्रेश करती है। इसे लगाने के लिए इसको गुलाब जल में मिक्सो करें। फिर प्रभावित जगह पर लगा कर 20 मिनट छोड़ दें। इसे रोज लगाएं और जब फर्क दिखाई पड़ने लगे तो एक दिन छोड़ कर लगाएं।
नारियल –
आप नारियल तेल में थो़ड़ा सा कपूर मिलाएं और इस तेल से पूरे शरीर पर मालिश करें। इसके इस्तेमाल से घमौरियों से राहत मिलती है।
नीम-
अगर आप नीम की पत्तियों को एक लीटर पानी में उबाल लें और इस पानी से रोज नहाएं तो इससे घमौरियां दूर हो सकती हैं।
बेकिंग सोडा-
बेकिंग सोडे में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। यह गर्मी और पसीने की वजह से शरीर पर पैदा होने वाले संक्रमण को रोकने में मदद करता है। 2 चम्मीच बेकिंग सोडा 1 कटोरा पानी में मिलाकर शरीर के प्रभावित क्षेत्र को साफ करें। रोजाना दिन में 2 बार ऐसा करने से लाभ मिलेगा।
बर्फ–
बर्फ की ठंडक त्वचा की गर्मी और खुजली को शांत करेगी। एक कॉटन के कपड़े में 2-3 आइस क्यूब लेकर उसे घमौरी वाली जगह पर लगाएं। आप चाहें तो पानी में बर्फ डालकर उसे पिघलने दें और फिर उसमें कपड़ा भिगोकर प्रभावित क्षेत्र की सिकाई करें।
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